RAKSHA BANDHAN 2024 (रक्षाबंधन ):
रक्षाबंधन का पर्व आज 19 अगस्त को पूरे देश भर में बहुत धूमधाम से मनाया जा रहा है यह पर्व हर साल श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को मनाया जाता है आज के दिन बहनें अपने भाई की रक्षा के लिए उनकी कलाई पर राखी बांधती हैं और बदले में भाई अपनी बहन को सारी उम्र रक्षा करने का वचन भी देता है|
RAKSHA BANDHAN 2024 (रक्षाबंधन ) से जुड़ी पुरानी कथाएं :
भगवान विष्णु और राजा बलि:
एक बार दैतराजा बलि ने अपनी शक्ति से स्वर्ग पर विजय प्राप्त की, जिससे देवता चिंतित हो गए। भगवान विष्णु ने वामन अवतार लेकर राजा बलि से तीन पग भूमि मांगी। वामन ने पहले पग में आकाश और दूसरे पग में पृथ्वी नाप ली। तीसरे पग के लिए कोई जगह न बचने पर राजा बलि ने अपना सिर झुका दिया, और वामन ने अपना पग उनके सिर पर रखा। भगवान विष्णु ने प्रसन्न होकर बलि को पाताल लोक का राजा बना दिया। जब विष्णु वहां से नहीं लौटे, तो देवी लक्ष्मी चिंतित हुईं। उन्होंने बलि की कलाई पर राखी बांधकर भगवान विष्णु को वापस भेजने का वचन लिया, जिसे राजा बलि ने सम्मानपूर्वक स्वीकार कर लिया।
द्रौपदी और श्रीकृष्ण:
महाभारत की कथा के अनुसार, एक बार श्रीकृष्ण की उंगली कट गई थी। तब द्रौपदी ने तुरंत अपनी साड़ी का पल्लू फाड़कर उनकी उंगली पर बांध दिया। इससे प्रभावित होकर श्रीकृष्ण ने द्रौपदी को वचन दिया कि वे हमेशा उनकी रक्षा करेंगे। बाद में, चीरहरण के समय, श्रीकृष्ण ने द्रौपदी की लाज बचाई।
रानी कर्णावती और सम्राट हुमायूं:
मध्यकालीन भारत में, चित्तौड़ की विधवा रानी कर्णावती ने मुगल सम्राट हुमायूं को राखी भेजकर उनसे मदद की गुहार लगाई थी जब चित्तौड़ पर हमला हुआ था। हुमायूं ने इस भाई-बहन के रिश्ते का मान रखते हुए तुरंत चित्तौड़ की रक्षा के लिए सेना भेजी।
संतोषी माता:
लोक कथाओं के अनुसार, संतोषी माता के जन्म की कहानी भी रक्षाबंधन से जुड़ी है। संतोषी माता का जन्म गणेश जी के दो पुत्रों, शुभ और लाभ, की इच्छा के कारण हुआ। दोनों भाईयों ने अपनी बहन की कामना की, जिसके लिए गणेश जी ने संतोषी माता को जन्म दिया।
यम और यमी (यमुनोत्री):
एक अन्य कथा के अनुसार, यमराज और उनकी बहन यमी (यमुना) का भी रक्षाबंधन से संबंध है। यमराज ने यमी को वचन दिया कि रक्षाबंधन के दिन जो भाई अपनी बहन से राखी बंधवाएगा, उसकी रक्षा यमराज स्वयं करेंगे। इस कारण यह पर्व भाई-बहन के प्रेम और सुरक्षा का प्रतीक माना जाता है।
RAKSHA BANDHAN 2024 (रक्षाबंधन ) कब है शुभ मुहूर्त:
शुभ मुहूर्त दोपहर 1:32 से लेकर रात के 9:31 तक रहेगा|
RAKSHA BANDHAN 2024 (रक्षाबंधन ) के दिन कौन से मंत्र का जाप करें:
येन बद्धो बलि राजा, दानवेन्द्रो महाबल: तेन त्वाम् प्रतिबद्धन रक्षे माचल माचल.
https://www.youtube.com/watch?v=5HK4oxWXeRU
राखी बांधने के नियम:
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पुरुषों और अविवाहित कन्याओं को दाएं हाथ में रक्षासूत्र बांधना चाहिए वहीं विवाहित स्त्रियों के लिए बाएं हाथ में राखी बांधने का विधान है। भाइयों को राखी बंधवाते समय उस हाथ की मुट्ठी को बंद रखकर दूसरा हाथ सिर पर रखना चाहिए। वास्तु शास्त्र में काले रंग को औपचारिकता, बुराई, नीरसता और नकारात्मक ऊर्जा से जोड़कर देखा जाता है, इसलिए इस दिन बहन और भाई दोनों को काले रंग के परिधान पहनने से परहेज करना चाहिए।