ईशा क्रिया एक सरल लेकिन प्रभावशाली ध्यान विधि है जिसे सद्गुरु ने प्रस्तुत किया है। जानिए कैसे यह ध्यान तकनीक आपके मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को सशक्त बना सकती है।
परिचय:
ईशा क्रिया एक सरल ध्यान विधि है जिसे सद्गुरु ने लोगों के जीवन में शांति, खुशी और संपूर्णता लाने के उद्देश्य से प्रस्तुत किया है। आज की तेज़ी से भागती दुनिया में, जहां तनाव, चिंता और अवसाद का स्तर बढ़ता जा रहा है, ईशा क्रिया जैसे साधन आपकी मानसिक और शारीरिक सेहत के लिए अत्यधिक लाभकारी हो सकते हैं। इस ब्लॉग में, हम विस्तार से जानेंगे कि ईशा क्रिया क्या है, इसे कैसे किया जाता है, और इसके क्या-क्या लाभ हैं।
ईशा क्रिया क्या है?
ईशा क्रिया एक साधारण ध्यान तकनीक है जो श्वास-प्रश्वास, ध्यान, और आत्म-साक्षात्कार पर आधारित है। यह विधि सद्गुरु द्वारा इस तरह से डिजाइन की गई है कि इसे कोई भी व्यक्ति बिना किसी पूर्व अनुभव के आसानी से कर सकता है। इसमें केवल 12 से 18 मिनट का समय लगता है और इसे घर पर ही किया जा सकता है।
ईशा क्रिया की विधि:
ईशा क्रिया का अभ्यास करने के लिए निम्नलिखित चरणों का पालन करें:
1. पहली स्थिति :
सबसे पहले, आराम से पालथी लगाकर बैठ जाएं। आपकी रीढ़ सीधी होनी चाहिए और हाथ गोद में आराम से रखें। आंखें बंद करें और अपने ध्यान को साँसों पर केंद्रित करें। हल्का सा ध्यान भोहों के बीच रखे
2. दूसरी स्तिथि :
सांस लेना और छोड़ना , धीरे-धीरे गहरी सांस लें और सांस छोड़ें। ध्यान दें कि श्वास लेने के साथ खुद से कहे मैं शरीर नहीं हु और श्वास छोड़ने के साथ कहे म मन भी नहीं हु . इससे 7 मिनट तक करे यह चरण आपके मन को शांत और एकाग्रित करने में मदद करेगा।
3. तीसरी स्तिथि :
7 बार आ का उच्चारण: खुले मुँह के साथ आ का उच्चारण करे और ध्यान रखे ये आवाज नाभि से शुरू होनी चाहिए और गले में खत्म . उच्छ्रं करते हुए धवनि की वाइब्रेशन को महसूस करे .ऐसा 7 बार करे
4. ध्यान: अब आप पूरी तरह से स्थिर हो जाएं। और 7 मिनट तक ऊपर उठे चेहरे क साथ बस ऐसे ही बैठे रहे ध्यान अपनी भोंहों के बीच रखे कोई भी सोच या भावना उत्पन्न हो तो उसे आने दें और फिर धीरे-धीरे उसे जाने दें। अपने अंदर की शांति को महसूस करें।
5. समापन: इस पूरी क्रिया को करने में 12 से 18 मिनट लग सकते है उसके बाद , धीरे-धीरे अपनी आँखें खोलें और अपनी सामान्य स्थिति में लौटें।
https://conciousplanet.com/the-power-of-morning-yoga-start-your-day-with-energy-and-focus/
ईशा क्रिया के लाभ:
ईशा क्रिया के नियमित अभ्यास से व्यक्ति को कई मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक लाभ मिल सकते हैं:
1. मानसिक शांति: ईशा क्रिया से दिन भर ऑफिस के काम से होने वाली मन की अशांति और तनाव को कम किया जा सकता है। यह विधि आपके मन को शांत और स्थिर बनाने में मदद करती है।
2. आत्म-साक्षात्कार: ईशा क्रिया आपको अपने वास्तविक स्वभाव से जुड़ने में मदद करती है। यह आत्मा की अनुभूति और आत्म-साक्षात्कार की ओर एक कदम है।
3. शारीरिक स्वास्थ्य: ध्यान के माध्यम से श्वास-प्रश्वास पर ध्यान केंद्रित करने से शारीरिक स्वास्थ्य में भी सुधार होता है। यह विधि शरीर की ऊर्जा को संतुलित करती है और आपकी इम्यूनिटी को बढ़ाती है।
4. भावनात्मक स्थिरता: ईशा क्रिया आपके भावनात्मक स्वास्थ्य को भी सुदृढ़ करती है। यह विधि आपको अपनी भावनाओं को नियंत्रित करने और सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने में मदद करती है।
मेरा व्यक्तिगत अनुभव
मैंने अपनी ध्यान और योग की यात्रा की शुरुआत ईशा क्रिया से की थी। इस विधि ने मेरे जीवन में कई सकारात्मक बदलाव लाए। ईशा क्रिया के नियमित अभ्यास के बाद, मुझे मानसिक और शारीरिक रूप से बेहतर महसूस होने लगा।
ऑफिस में भी पहले से ज्यादा खुश रहने लगा और पूरे दिन ऊर्जा से भरा हुआ महसूस करने लगा। इस ध्यान विधि ने मेरे जीवन में एक नई ऊर्जा और ताजगी भरी। यदि आप भी अपने जीवन में शांति, खुशी और आत्म-साक्षात्कार की खोज में हैं, तो मैं इस क्रिया को अपने अनुभव के आधार पर अत्यधिक अनुशंसा करता हूँ।
निष्कर्ष :
ईशा क्रिया एक सरल और प्रभावशाली ध्यान विधि है जो सद्गुरु द्वारा प्रस्तुत की गई है। इस ध्यान विधि का नियमित अभ्यास व्यक्ति को मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक स्तर पर संतुलित और सशक्त बना सकता है। अगर आप भी अपने जीवन में शांति, खुशी और आत्म-साक्षात्कार की खोज में हैं, तो ईशा क्रिया को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं।