1. देव उठनी एकादशी 2024 (Dev Uthani Ekadashi 2024) का महत्व
हिंदू धर्म में एकादशी का विशेष स्थान है, और देव उठनी एकादशी या प्रबोधिनी एकादशी का महत्व अनमोल है। यह एकादशी हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है। इस दिन भगवान विष्णु चार महीने के विश्राम के बाद योगनिद्रा से जागते हैं और सृष्टि की देखभाल करने लगते हैं। इसी दिन से शुभ विवाह और अन्य मांगलिक कार्यों का आरंभ होता है। देव उठनी एकादशी को हिंदू कैलेंडर के अनुसार सबसे शुभ दिनों में से एक माना जाता है।
2. देव उठनी एकादशी 2024 की तिथि|dev uthani ekadashi
इस वर्ष, देव उठनी एकादशी 2024 का पर्व 12 नवंबर को मनाया जाएगा। इस दिन भक्त उपवास करते हैं, भगवान विष्णु का पूजन करते हैं और विशेष कथा का श्रवण करते हैं।
3. देव उठनी एकादशी की कथा|dev uthani ekadashi katha
देव उठनी एकादशी की कथा (dev uthani ekadashi katha ) पुराणों में विशेष रूप से वर्णित है। मान्यता के अनुसार, एक बार माता लक्ष्मी ने भगवान विष्णु से विनती की कि उन्हें भी विश्राम की अनुमति दी जाए। तब भगवान विष्णु ने चार महीने के लिए योगनिद्रा में जाने का निर्णय लिया, जो आषाढ़ मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी से प्रारंभ होकर कार्तिक शुक्ल एकादशी पर समाप्त होती है। देवताओं के अनुरोध पर भगवान विष्णु चार महीने तक निद्रा में रहे, जिसे चतुर्मास कहते हैं। इस अवधि में सभी शुभ कार्य वर्जित रहते हैं। देव उठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु जागते हैं और सभी मंगल कार्य पुनः शुरू होते हैं।
एक अन्य कथा के अनुसार, राजा बलि ने भगवान विष्णु से वचन लिया कि वे उसके राज्य में निवास करेंगे। भगवान विष्णु वामन अवतार लेकर राजा बलि से तीन पग भूमि का दान माँगने गए और राजा बलि ने सहर्ष तीन पग भूमि देने का संकल्प लिया। तब भगवान विष्णु ने अपने वामन रूप में तीनों लोकों को नाप लिया और राजा बलि को पाताल लोक में भेज दिया। इसी दिन से देव उठनी एकादशी पर भगवान विष्णु की विशेष पूजा होती है।
4. देव उठनी एकादशी की पूजा विधि|dev uthani ekadashi puja vidhi
देव उठनी एकादशी की पूजा विधि (dev uthani ekadashi puja vidhi ) अत्यंत सरल है लेकिन इसे पूर्ण श्रद्धा और विश्वास के साथ करना चाहिए। यहां कुछ महत्वपूर्ण पूजा विधियां दी गई हैं:
- सुबह स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- घर में या मंदिर में भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थापित करें।
- दीप जलाकर भगवान का ध्यान करें और पंचामृत से स्नान कराएं।
- तुलसी दल, फूल, धूप, दीप और भोग अर्पित करें।
- देव उठनी एकादशी की कथा का श्रवण करें।
- भगवान विष्णु से प्रार्थना करें कि वे आपके जीवन को सुख, शांति और समृद्धि से भर दें।
- इस दिन तुलसी विवाह का आयोजन भी किया जाता है और इसे बेहद पुण्यकारी माना जाता है।
5. देव उठनी एकादशी का उपवास और इसके लाभ
देव उठनी एकादशी का उपवास रखने से पापों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। उपवास में एक बार फलाहार किया जा सकता है, लेकिन पूर्ण उपवास करने से भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है। इस दिन श्री हरि का नाम जपना और उनकी आराधना करना अत्यंत फलदायी माना गया है।
6. देव उठनी एकादशी का धार्मिक और सामाजिक महत्व
देव उठनी एकादशी के दिन से ही पूरे भारत में विवाह और अन्य शुभ कार्यों की शुरुआत होती है। इसे सभी शुभ कार्यों के आरंभ का प्रतीक माना जाता है। धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से इस दिन भगवान विष्णु का विशेष पूजन करने से व्यक्ति को उसके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है।
इस प्रकार, dev uthani ekadashi katha,dev uthani ekadashi puja vidhi और देव उठनी एकादशी 2024 की तिथि को जानकर और श्रद्धा-भाव से पूजन करके आप भी भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।