RELIGION

Hrtalika Teej 2024: शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, व्रत कथा और महत्व

Hrtalika Teej 2024:हरतालिका तीज हिन्दू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो विशेष रूप से महिलाओं द्वारा मनाया जाता है। यह व्रत माता पार्वती और भगवान शिव के पुनर्मिलन की कथा से जुड़ा हुआ है, और यह विवाहित और अविवाहित महिलाओं दोनों के लिए महत्वपूर्ण होता है। इस व्रत को करने से विवाहिक जीवन में सुख और समृद्धि का वास होता है। आइए जानें हरतालिका तीज 2024 के बारे में विस्तार से।

1. Hrtalika Teej 2024 कब है?

हरतालिका तीज इस वर्ष 6 सितंबर 2024 को मनाई जाएगी। यह तीज भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को आती है, और इस दिन महिलाएं विशेष रूप से भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं।

2.Hrtalika Teej कब मनाई जाती है?

हरतालिका तीज भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है। यह त्योहार उत्तर भारत के विभिन्न राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान और मध्य प्रदेश में मुख्य रूप से मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं उपवास रखती हैं और अपने पति की लंबी आयु और सुखमय वैवाहिक जीवन की कामना करती हैं।

Somvati Amavasya 2024: महत्व, पूजा विधि और जीवन में इसका विशेष स्थान

3.Hrtalika Teej क्यों मनाई जाती है?

हरतालिका तीज का त्योहार माता पार्वती द्वारा भगवान शिव को पाने के लिए किए गए कठोर तपस्या को समर्पित है। पौराणिक कथा के अनुसार, माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में प्राप्त करने के लिए कठोर तपस्या की थी। उनके इस दृढ़ संकल्प के बाद भगवान शिव ने उन्हें अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया। इसलिए, हरतालिका तीज को विवाहिक जीवन में सुख-समृद्धि और पति की दीर्घायु के लिए किया जाता है।

4.Hrtalika Teej का व्रत कैसे होता है?

हरतालिका तीज का व्रत अत्यंत कठिन माना जाता है। इसे निर्जला व्रत कहा जाता है, जिसमें महिलाएं दिनभर बिना जल और अन्न ग्रहण किए रहती हैं। इस व्रत को रातभर जागकर भी रखा जाता है, और अगले दिन सुबह स्नान कर के व्रत तोड़ा जाता है। व्रत रखने वाली महिलाएं पूरे दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा में समय बिताती हैं।

5.Hrtalika Teej शुभ मुहूर्त कब है?

हरतालिका तीज 2024 के लिए पूजा का शुभ मुहूर्त 6 सितंबर 2024 को है। पूजा का समय प्रातःकाल में सबसे अधिक शुभ माना जाता है, और तृतीया तिथि का प्रारंभ 5 सितंबर 2024 दोपहर 12:20 बजे से होगा, और यह तिथि 6 सितंबर 2024 को शाम 3:05 बजे तक रहेगी। इस अवधि के दौरान पूजा और व्रत किया जा सकता है।

6.Hrtalika Teej पूजा का समय कब है?

हरतालिका तीज की पूजा मुख्य रूप से प्रातःकाल और संध्याकाल में की जाती है। प्रातःकाल की पूजा का समय सुबह 6:05 बजे से 8:35 बजे तक सबसे शुभ माना जाता है। इस समय महिलाएं शिव-पार्वती की पूजा कर सकती हैं, और भगवान शिव के मंत्रों का जाप करती हैं।

7.Hrtalika Teej पूजा विधि

हरतालिका तीज की पूजा विधि बेहद महत्वपूर्ण होती है। इस दिन महिलाएं पारंपरिक रूप से तैयार होकर शिव-पार्वती की मूर्तियों या चित्र की स्थापना करती हैं। पूजा की विधि निम्नलिखित है:

  • प्रातःकाल स्नान कर शुद्ध वस्त्र धारण करें।
  • घर के पूजा स्थान को साफ कर, शिव-पार्वती की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
  • पूजा के लिए बेलपत्र, फल, फूल, धूप, दीप, चंदन, दूध, दही, घी, शहद और पंचामृत की व्यवस्था करें।
  • सबसे पहले गणेश जी की पूजा करें, फिर भगवान शिव और माता पार्वती की आराधना करें।
  • शिव-पार्वती को पुष्प, बेलपत्र, और पंचामृत अर्पित करें।
  • इसके बाद व्रत कथा सुनें और भगवान से अपने वैवाहिक जीवन के सुख और समृद्धि की प्रार्थना करें।
  • रातभर जागरण करें और शिव-पार्वती की भक्ति में लीन रहें।
  • अगले दिन व्रत का पारण करें और भोजन ग्रहण करें।

https://www.youtube.com/watch?v=CMMRODRgTyg

8.Hrtalika Teej व्रत कथा

हरतालिका तीज व्रत कथा के अनुसार, एक बार हिमालय नरेश ने अपनी पुत्री पार्वती का विवाह भगवान विष्णु से तय कर दिया। परंतु, पार्वती जी भगवान शिव को अपना पति मान चुकी थीं। इसलिए, उनकी सखी उन्हें जंगल में ले गई, ताकि वह भगवान शिव के लिए कठोर तपस्या कर सकें। माता पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए कठोर तप किया। उनके इस तप से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया। इसी कारण इस दिन को हरतालिका तीज के रूप में मनाया जाता है, और इस व्रत को करने से महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुखमय जीवन की कामना करती हैं।

निष्कर्ष

हरतालिका तीज 2024 एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो विवाहित और अविवाहित दोनों महिलाओं के लिए अत्यधिक फलदायी माना जाता है। इस दिन की पूजा और व्रत से जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है और वैवाहिक जीवन में प्रेम और सौहार्द बना रहता है। हरतालिका तीज की पूजा और व्रत विधि का पालन करने से भगवान शिव और माता पार्वती की कृपा प्राप्त होती है, जिससे जीवन में समृद्धि और शांति का वास होता है।

कृष्ण जन्माष्टमी 2024: तिथि, समय, पूजा विधि, अनुष्ठान और महत्व

नाग पंचमी: सांपों की पूजा का महत्त्वपूर्ण पर्व

Sangwan

Recent Posts

DAL CHINI KHANE KE FAYDE: पाचन, त्वचा, और बालों के लिए बेमिसाल उपाय

DAL CHINI KHANE KE FAYDE: दालचीनी (Cinnamon) केवल एक मसाला नहीं, बल्कि सेहत का खजाना है।…

3 weeks ago

Apna Vajan Kaise Badhaen: डॉक्टर भी मानते हैं ये टिप्स!

परिचय आज के समय में जहाँ मोटापा एक बड़ी समस्या है, वहीं कुछ लोग ऐसे…

4 weeks ago

Meditation Kaise Kare: तनाव से मुक्ति और शांति पाने का आसान उपाय

ध्यान कैसे करें (Meditation Kaise Kare): ध्यान (Meditation) एक ऐसी प्राचीन विधि है जो मनुष्य के…

1 month ago

deep breathing ke fayde: गहरी सांस लेने के 10 अद्भुत लाभ

परिचय deep breathing ke fayde: आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में लोग अपनी सांस लेने…

1 month ago

देव उठनी एकादशी 2024 (Dev Uthani Ekadashi 2024): कथा, पूजा विधि, तिथि, और महत्व

1. देव उठनी एकादशी 2024 (Dev Uthani Ekadashi 2024) का महत्व हिंदू धर्म में एकादशी…

1 month ago